बरेली के सीबीगंज क्षेत्र में दिल दहलाने वाली वारदात हुई है। छेड़खानी का विरोध करने पर कोचिंग से घर लौट रही छात्रा को दो शोहदों ने ट्रेन के आगे फेंक दिया, जिससे उसका एक हाथ और दोनों पैर कट गए। उसकी कई हड्डियां भी टूट गई। अस्पताल में भर्ती छात्रा की हालत चिंताजनक बनी हुई है।
इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। मामले में अफसरों ने मौके पर जाकर पीड़ित परिवार से बात कर कार्रवाई का निर्देश दिया। बुधवार सुबह कमिश्नर सौम्या अग्रवाल, आईजी राजेश कुमार सिंह, डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान ने अस्पताल जाकर परिवार और डॉक्टरों से बात की। सीबीगंज इंस्पेक्टर अशोक कम्बोज, हल्का इंचार्ज नितेश कुमार और दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया। साथ ही विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
इस मामले में एसएसपी ने थाने के इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस ने आरोपी युवक और उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, शासन की ओर से पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपए सहायता राशि प्रदान की गई।
सीबीगंज थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली इंटर की छात्रा शाम को सीबीगंज में कोचिंग पढ़ने जाती है। उसके चाचा के मुताबिक उसके आने-जाने के दौरान एक युवक और उसका साथी उससे छेड़छाड़ करते थे। छात्रा से जानकारी मिलने पर परिजनों ने आरोपियों के घर वालों से शिकायत की, मगर वे दोनों नहीं माने।
मंगलवार को भी कोचिंग गई थी। शाम को लौटने के वक्त वह खड़ौआ रेलवे क्रॉसिंग के पास लहूलुहान हालत में मिली। उसके दोनों पैर कटे हुए थे। जानकारी करने पर पता चला कि उन्हीं दोनों युवकों ने उसे रास्ते में रोककर छेड़छाड़ की। विरोध करने पर उसे ट्रेन के आगे फेंककर जान लेने की कोशिश की।जिस छात्रा के साथ घटना हुई, वह पिछड़ी जाति के परिवार से ताल्लुक रखती है। उसकी ताई इस समय गांव की प्रधान हैं। गांव निवासी एक युवक उसे करीब दो महीने से परेशान कर रहा था। वह अपने दोस्तों के साथ अक्सर रास्ते में उसे रोक लेता था। छात्रा के साथ ही अन्य लोगों ने उसकी शिकायत परिजनों से की।
बताते हैं कि शुरू में छात्रा के परिजनों ने अपने परिवार में प्रधानी होने की वजह से शिकायत से बचाव किया पर सिर के ऊपर से पानी गुजरने पर आरोपी के परिजनों से शिकायत की। उन्होंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। परिवार ने पुलिस से भी शिकायत की पर सीबीगंज थाना पुलिस ने गांव में जाकर जांच पड़ताल करना भी मुनासिब नहीं समझा।
इसका नतीजा ये हुआ कि छात्रा अब जीवन के लिए संघर्ष कर रही है। अब छात्रा का परिवार भी अफसोस कर रहा है कि समय रहते ही अधिकारियों से शिकायत क्यों नहीं की गई। छात्रा के अधिवक्ता चाचा ने बताया कि उन्हें इस तरह की घटना का जरा भी आभास नहीं था।
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