पिछले वर्ष तक शीतकाल में उत्तराखंड की पहाड़ियां बर्फ की चादर ओढ़े नजर आती थीं और मैदानी क्षेत्रों में लहलहाती सरसों व गेहूं की फसल शीतकालीन वर्षा का एहसास कराती थीं, लेकिन इस बार नवंबर, दिसंबर और और अब जनवरी का प्रथम सप्ताह सूखा ही गुजर रहा।
इस बार दिसंबर में समूचे उत्तराखंड में सामान्य से 99 प्रतिशत कम वर्षा रिकार्ड की गई। वहीं, नवंबर माह में भी सामान्य से 80 प्रतिशत कम वर्षा रिकार्ड की गई।85 दिनों से प्रदेश के नौ जनपदों में वर्षा की एक बूंद भी नहीं गिरी
पिछले 85 दिनों से प्रदेश के नौ जनपदों में वर्षा की एक बूंद भी नहीं गिरी। दिसंबर में उत्तराखंड में सामान्य से 99 फीसद कम वर्षा इससे पहले वर्ष 2011 में रिकार्ड की गई थी। वर्ष 2019 एवं 2020 में दिसंबर महीने में प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में दो बार हिमपात हुआ और निचले क्षेत्रों में 20.4 से 42.2 मिमी वर्षा रिकार्ड की गईइस बार करीब दो महीने बेहद कम वर्षा को कृषि विशेषज्ञ नकदी फसलों के लिए बेहतर नहीं मान रहे हैं।
हालांकि, अभी मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में नमी है, लेकिन नवंबर-दिसंबर की कम वर्षा का असर फरवरी व मार्च में दिखना शुरू होगा। वही क़ृषि विभाग ने भी जिलों से रिपोर्ट मांगी हैं
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